5 Essential Elements For बबूल के फायदे और नुकसान





इसकी छाल के काढ़े से कुल्ला करने से दांतों की उत्तम सफाई होती है तथा मसूड़ों से खून आना रूकता है।

बबूल की छाल के काढ़ा से गरारा करने से भी दांतों के दर्द से राहत मिलती है।

इसके वृक्ष सन्निकट जमीन तथा काली मिटटी में अधिक पाए जाते हैं। यह एक मध्यम आकार का वृक्ष होता है। इस कांटेदार वृक्ष के कांटे सफ़ेद से १-३ इंच तक लम्बे जोड़े होते हैं।

बबूल के पत्ते से चूर्ण बना लें। इसे सिफलिश वाले घाव पर छिड़कें। इससे घाव तुरंत ठीक हो जाता है। बेहतर परिणाम के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।

ब्लैकहेड्स और दाने हटाने के लिए टूथपेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है जोकि पूरी तरह गलत है. टूथपेस्ट से चेहरे पर इंफेक्शन और इरिटेशन बढ़ सकती है.

किसी भी चीज का सेवन करने से पहले अवश्य रूप से उसके लाभ और नुकसान के बारे में अच्छे से जानकारी जुटा लेनी चाहिए। और किसी भी चीज का सेवन उचित मात्रा से ज्यादा नहीं करना चाहिए। नहीं तो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

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ड्राई फ्रूट

बबूल की दो प्रजातियां होती हैं। जिनमें से एक होती है श्वेत खदिरी या त्रिकंटकी और दूसरी क्षुद्र किंकिरात या क्षुद्र बर्बुर।

इसके अलावा बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से दांतों का दर्द दूर होता है।

अगर आपका पूरा शरीर दर्द कर रहा है। तो बदन दर्द से राहत पाने के लिए बबूल की छाल और गोंद  को बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें। दिन में तीन बार एक-एक चम्मच सेवन करने से बदन दर्द से राहत मिलती है। 

जब आपके गले में किसी प्रकार का संक्रमण होता है तो यह आपके लिए बहुत असुविधाजनक होता है। ऐसी स्थिति में आपको पहले अपने डॉक्‍टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्‍टर आपको कोई सिरप या दवा देगा। आप बबूल गोंद का भी उपयोग कर सकते हैं, क्‍योंकि अधिकांश सिरप में बबूल गोंद मुख्‍य घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। यह आपको गले में जलन और दर्द से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। आप इसका सेवन करने Source से गले के संक्रमण के दौरान राहत प्राप्‍त कर सकते हैं।

बबूल के गोंद को घी में तलकर, पाक करके सेवन से वीर्य बढ़ता है।

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